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पिया तोरा जादू मोरे सिर चढ बोले
तोरी बातें सुन मन इत उत डोले
ना सूझे मोहे का है सच और का है झूठ
जो तू कहे सूरज में नाहीं गरमी तो सूरज से जाऊं रूठ
हंसती हैं मोपे सखी सहेली सारी
मोहे छेडें, सतावे और खावें मोरी गाली
पिया इनकी नजर में तू मत अइयो
इनकी गली में सजन तू मत जइयो
जे मुई तोहे नजराय देंगी
मोहक हंसी कूं नजर लगाय देंगी
तोरी खुसिअन पे जाऊं मैं वारी वारी
तोरी हंसी मोहे सब जग तें प्यारी
जो तू हो उदास के नदिया है सूखी जाको पानी है खतम
सच जान पिया जाहे भरन के करूंगी जतन
सब कहें हैं के जे बौरा गयी है
प्रेम धुन रटत है...पगला गयी है
मोहे तो इन लोगन पे हंसी बडी आवे है
जे सब बातें मोरा मन बहलावें है
मूढ नहीं जानेंगे प्रीत का होवे है
का है हार और जीत का होवे है
कोई इन्हें समझावे... कोई तो जे बतलावे...
मैने करौ है सौदा खरा खरा
कोई व्यौपारी परखे तो जाने जामे लाभ बडा
के अब मोहे अपने जतन नाहीं करने
हंसने और जीने के परयत्न नाहीं करने
तोरी खुशी मोहे हंसी दे जावेगी
तोरी नींद मोहे रतिया सुलावेगी
तू जीमेगो मेरी भूख मिट जावेगी
ऐसो सौदा कोई लाला का करेगो
सोची बूझी ऐसी कोई चाल का चलेगो
मोरी समझ जे जग नाहीं समझेगो
प्रीत के खेल के नियम सारे उल्टे हैं
सुलझाय सो है उलझे, उलझान वाले सुल्टे हैं
जे बातें बुद्धिहीन अभइ नाहीं जानेंगे
जब हम हो जैहें भव सागर से पार
हो के सजन प्रेम नैया पे सवार
तब जे पढेंगे... तब जे जानेंगे
सच कहती थी पगलिया... तब पहचानेंगे