Monday, September 7, 2009

यादें...


तेरी यादें जेहन में आया करेंगी
उम्र भर हंसाया रुलाया करेंगी
तन्हाईयों में भी ना तन्हा करेंगी
वो बातें मुझे गुदगुदाया करेंगी
बनायेंगी मुझको ये बार बार
बना कर के खुद ही मिटाया करेंगी
मेरी जिन्दगी को वीरान बनाने
तेरी यादें जेहन में आया करेंगी
उम्र भर हंसाया रुलाया करेंगी

कांच की किसी किरच की तरह
दिल में कसक छोड जाया करेंगी
मेरे ख्वाब में तुमको सजाकर ये यादें
नीदें मेरी ये चुराया करेंगी
भीतर तक मुझे तोड जाने
तेरी यादें जेहन में आया करेंगी
उम्र भर हंसाया रुलाया करेंगी

सजायेंगी तेरी खुशियां मेरे लबों पर
मेरी आखों से गम तेरे बहाया करेंगी
ना जाने क्यूं कर बनी हैं ये दुश्मन
रुलाकर मुझे खिलखिलाया करेंगी
हमेशा तुम्हें मेरे पास रखने
तेरी यादें जेहन में आया करेंगी
उम्र भर हंसाया रुलाया करेंगी

7 comments:

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  2. how u used to describe all these feelings in words so beautifully...beautiful poem...

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  3. बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
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