कई दिनों की गरमा गरमी के बाद मेरा और राम जी का पैच अप हो गया... कुछ बातें उन्होने मेरी मान लीं और कुछ जगह मैं भी रानी बेटी की तरह झुक गई. तो मेरी बहुत प्यारि दोस्त प्रेरणा ने मुझे राम जी को थैंक्स कहने के लिए एक कविता लिखने की प्रेरणा दी क्योंकि मैंने राम जी से झगड के भी कई कविताएं लिखी थीं जैसे कि "उसे बख्श देना" और "आत्मसमर्पण"... तो प्रेरणा की प्रेरणा, शेखर के टेक्निकल गाइडेंस, मेरी श्रद्धा और तुम्हारे प्रेम का नतीजा ये कविता हाज़िर है ः)
एक दीवानी सी लडकी इक रोज़ झगड बैठी मुझसे...
बोली, तू सबको नाच नचाए.. मैं ना बोलूंगी तुझसे...
मुझ पर ये इल्ज़ाम रखा था कि...
मैंने उसकी खुशिया छीनीं,
मैंने उसके सपने तोडे,
आस दिखा कर सुखद भविष्य की... असमंजस के रिश्ते जोडे...
गुस्से में मुझको धमका कर पगली बोली थी मुझसे...
प्रियतम की ग़र खुशियां छीनी... ना बात करूंगी फिर तिझसे
नर-नारायण के इस झगडे के प्रत्युत्तर में मैं तब केवल हंस पाया था...
कैसे उसको भवितव्य दिखाता.. जिस पर खुशियों का साया था???
पर कल रात हो गया तरुणी के सम्मुख वो सारा सत्य उजागर
जान गई कि खुशियों के ही पुष्प बिछे हैं उसके प्रियवर के पथ पर
आज फिर वो सरला आई थी मुझसे मिलने मंदिर में...
नैंनों में कुछ नीर भरा था, बोली प्रफुल्लित स्वर में...
"उसको दे कर इतनी खुशियां, प्रभु तुमने मुझको जीता
आज से तुम भी मित्र हो मेरे.. मैं भूली जो कल बीता
आब से कोई शिकायत होगी ना मुझको तुमसे
जान गई तुम तारणहार हो.. तारोगे तम से.. ग़म से...
अब से मेरे अधरों पर सद प्रमुदित मुस्कान रहेगी
ग़र तरल हुए भी नैना तो मन में ये बात रहेगी
उसकी खुशियां संजो संजो कर मैं नित ही मुसकाऊंगी
नहीं वो मेरा...एह्सास है मुझको... फिर भी जश्न मनाऊंगी
मन मंदिर के इक हिस्से में कर के तेरी प्राण प्रतिष्ठा
मेरी भक्ति के दिए में एसके प्रेम की जोत जलाऊंगी"
keep writing......all the best
ReplyDelete"..उसकी खुशियां संजो संजो कर मैं नित ही मुसकाऊंगी
ReplyDeleteनहीं वो मेरा...एह्सास है मुझको... फिर भी जश्न मनाऊंगी..."
बहुत ही भाव पूर्ण और समर्पण का सन्देश देती कविता.
सादर
उसकी खुशियां संजो संजो कर मैं नित ही मुसकाऊंगी
ReplyDeleteनहीं वो मेरा...एह्सास है मुझको... फिर भी जश्न मनाऊंगी
मन मंदिर के इक हिस्से में कर के तेरी प्राण प्रतिष्ठा
मेरी भक्ति के दिए में एसके प्रेम की जोत जलाऊंगी"
धन्य हो देवी , आपकी भक्ति इस स्वार्थी संसार को नयी राह दिखाएगी . सुन्दर और भावप्रवण रचना
मोनाली जी चलिए पैचअप के लिए बधाई. सुंदर कविता के रूप में सुंदर भावनाओं की प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर! बेहतरीन रचना! "आत्मसमर्पण" ने बहुत प्रभावित किया!
ReplyDeleteएक बेहतरीन रचना ।
ReplyDeleteकाबिले तारीफ़ शव्द संयोजन ।
बेहतरीन अनूठी कल्पना भावाव्यक्ति ।
सुन्दर भावाव्यक्ति ।
ramji se pachup...
ReplyDeletesunder bhav...achchha shabd samyojan.
woow ! great ! एकदम नई बात है इस कविता में ! बहुत अच्छी लगी ! by the way ... राम जी से मुलाकात हो तो मेरी तरफ से भी राम राम कह देना !
ReplyDeletewow...a gd conversation //
ReplyDeletesay ram,ram to Ram ji about my side also/
मोनाली जी,
ReplyDeleteकविता अच्छी लगी.....काफी मात्रात्मक गलतियाँ हैं हो सके तो दुरुस्त कर लें.....
"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को
ReplyDelete"मेर्री क्रिसमस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
()”"”() ,*
( ‘o’ ) ,***
=(,,)=(”‘)<-***
(”"),,,(”") “**
Roses 4 u…
MERRY CHRISTMAS to U…
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
उसको दे कर इतनी खुशियां, प्रभु तुमने मुझको जीता
ReplyDeleteआज से तुम भी मित्र हो मेरे, मैं भूली जो कल बीता
आब से कोई शिकायत होगी ना मुझको तुमसे
जान गई तुम तारणहार हो.. तारोगे तम से.. ग़म से,
बहुत सुंदर भक्तिमयी रचना।
नवधाभक्ति का एक प्रकार- सख्य भाव- पर आधारित अनुपम कविता।
चलिए हो गया पैचअप ..अच्छी प्रस्तुति ...
ReplyDeleteगुननाम
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Bahut Khubsurat Abhivyakti.
ReplyDeleteसुंदर कविता के रूप में सुंदर भावनाओं की प्रस्तुति.
ReplyDeleteयह प्रेम की जोत यूंही जलती रहे, हमारी यही कामना है।
ReplyDelete---------
अंधविश्वासी तथा मूर्ख में फर्क।
मासिक धर्म : एक कुदरती प्रक्रिया।
nice ..
ReplyDeletemera koi blog to nahi hai per mera bhi man kar raha hai me bhi ek pyara blog banauga jis me mukh se nahi dil se nikli aavajo ko sabdo me pesh karuga face book ka id hai..
neel.meera84@gmail.com ho sake to pyare dosto hume jarur milna..sukriya
nil is my friend, and nice ur writing, thanking
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ, बधाई.
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसुन्दर पंक्तियाँ, बधाई.
ReplyDeleteआप को नवबर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाएं !
आने बाला बर्ष आप के जीवन में नयी उमंग और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आये ! आप परिवार सहित स्वस्थ्य रहें एवं सफलता के सबसे ऊंचे पायदान पर पहुंचे !
नवबर्ष की शुभ-कामनाओं सहित
संजय कुमार चौरसिया
मोनाली जी प्रणाम !
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये .......
सबके लिए नए साल में यही दुआ है....
"अब से मेरे अधरों पर सद प्रमुदित मुस्कान रहेगी
ग़र तरल हुए भी नैना तो मन में ये बात रहेगी"
आप को सपरिवार नववर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनाएं .
ReplyDeleteहा हा हा!!!
ReplyDeleteआशीष
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हमहूँ छोड़के सारी दुनिया पागल!!!
हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDelete---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
वैज्ञानिक पद्धति किसे कहते हैं?
awwww.....bohot pyaari kavita hai...kitni sweet si conversation hai aap dono ki.....main to bas jhagda hi karti rehti hoon....i should learn something ;)
ReplyDeletegod ji....wait karo yaara, main bhi likhungi kuch accha sa aapke liye ;)
बहुत ही भाव पूर्ण और सुन्दर कविता
ReplyDeleteअच्छा लगा पढना
बधाई
आभार
kya baat hai very nice post
ReplyDeleteMusic Bol
Lyrics Mantra
Bhavo se bhari ek behtreen najm k liye badhai *****
ReplyDeleteसच्चे मन के उदगारों का प्रशंसनीय चित्रण - प्रतिभा स्पष्टरूप से परलक्षित होती है - हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ....शुभकामनायें
ReplyDeleteati suder Monali ji..Bolg per aaj pehli baar padhi..mann jhoom utha aapki Prerna k saath mitrata dekha kar...Aapki Prerna :)
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